capacitor definition
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capacitor definition |
CAPACITOR (संधारित्र) :-
इलेक्ट्रानिक का एक ऐसा घटक है जिसके अंदर बिजली को स्टोर करने की छमता होती है साधरण रूप में अगर कहा जाये तो यह एक बैटरी की तरह ही कार्य करता है इसके अन्दर जो संघनक पटिका लगी होती है वह अपने ऊपर बिजली को स्टोर करता है यह उपयोग आकर और कार्य के अनुसार कई रूपों में बाजारों में उपलब्ध है यह कई प्रकार के होते है जैसे :- इलेक्ट्रोलैटिक कैपेसिटर , माइक और डिस्क कैपेसिटर .पेपर कैपेसिटर, गेंग, आदि ,इनके अन्दर दो या दो से अधिक धातु की प्लेटे लगी होती है दोनों प्लेटो के बीच एक इन्सुलेटर पटिका जैसे मोम युक्त कागज या अन्य इन्सुलेटर पदार्थ होती है , यह बिजली को चार्ज के रूप में प्लेटो पर जमा करने की अनुमति देता है !
दो प्रकार के विद्युत प्रभारी, प्रोटॉन के रूप में धन आवेश (+वोल्ट ) चार्ज और ऋण आवेश (-वोल्ट ) के रूप में नकारात्मक चार्ज होते हैं। जब एक डीसी वोल्टेज को संधारित्र में प्रवाहित कराया जाता है, तो सकारात्मक (+वोल्ट) चार्ज जल्दी से एक प्लेट पर जमा होता है जबकि दूसरी प्लेट पर एक समान और विपरीत नकारात्मक (-वोल्ट) चार्ज जमा होता है। प्लेटों पर इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह कैपेसिटर चार्जिंग करंट के रूप में जाना जाता है, एक इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षेत्र के रूप में अपनी प्लेटों पर चार्ज करने के लिए एक संधारित्र की संपत्ति को संधारित्र की क्षमता कहा जाता है। एक संधारित्र की प्रवाहकीय प्लेट आम तौर पर धातु के पन्नी या धातु की फिल्म से बना होती है जो इलेक्ट्रॉनों के लिये चार्ज के लिए प्रवाह की अनुमति देती है इनमे इन्सुलेटर के रूप में सामान्यतया वायु, कागज, कांच, तेल, पॉलिएस्टर, सिरेमिक, पॉलीप्रोपाइलीन, या कई अन्य तरह के भी सामग्री का प्रयोग किया जाता है । जो इलेक्ट्रानो के प्रवाह में औरोध उत्पन्न करने का कार्य करते है अलग अलग पदार्थो में विधुत की पारगम्यता अलग – अलग होती है पेपर = 2.5 से 3.5, ग्लास = 3 से 10, शुद्ध वैक्यूम = 1.0000, वायु = 1.0006, लकड़ी = 3 से 8 और धातु ऑक्साइड पाउडर = 6 से 20 आदि। संधारित्र को आकर में छोटा और ज्यादा कार्य दक्ष बनाने के लिये एक साथ कई जोड़ी धातु की प्लेटो का उपयोग किया जाता है किसी कैपेसिटर को उपयोग में लेते समय उसके वोल्टेज और मात्रा को काफी सटीकता से जांच लेना चाहियें अन्यथा कम मान और कम वोल्टेज के कैपेसिटर में ज्यादा वोल्टेज प्रवाहीत करने पर उसे फटने की सम्भावना बनती है इसलिये वोल्टेज के मामले में एक कैपेसिटर में लिखा गया मानक वोल्टेज से हमेशा कम वोल्ट का प्रयोग करना चाहिए !
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different types of capacitors |
फैराडे का नियम :-
जब दो CONDUCTOR को किसी INSULATING पदार्थ के बीच रखा जाता है तथा एक पर धन आवेश तथा दुसरे पर ऋण आवेश देने से जो CHARGE उत्पन्न होता है वह उसके दोनों छोरो पर विभावन्तर के समानुपाती होता है!
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electrolytic capacitor |
माइकल फैराडे जिन्होंने कैपेसिटर का विस्तृत अध्यन किये, इनका जन्म 22 सितंबर 1791 को हुआ था ये लंदन में रहते हुए विधुतधारा एवं भौतिकी के अंतर्गत आनेवाले विषयों पर काफी गहन अध्यन किया था इन्होंने कई प्रकार के चुम्बकीये प्रभावों का भी अध्यन एवं आविष्कार किया अपने जीवन काल में माइकल फैराडे ने अनेक खोज की इन्होंने अपने जीवन काल में जितने भी नियमों की स्थापना एवं उनका विश्लेषण किया उसे ही हम फैराडे के नियम के नाम से जानते है माइकल फैराडे की मृत्यु 25 अगस्त 1867 को हुई !
इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में कैपेसीटर जैसे घटक की काफी महत्वपूर्ण भुमिका होती है, लगभग सभी प्रकार के इलेक्ट्रानिक उपकरणों के निमार्ण में इसका उपयोग बहुतायत से उपयोग किया जाता है, अतः इलेक्ट्रानिक्स से संबंधित विभाग में रूचि रखनें वालों के लिए कैपेसिटर के बारे में मुल जानकारी आवशय ही होनी चाहिए ।
इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में कैपेसीटर जैसे घटक की काफी महत्वपूर्ण भुमिका होती है, लगभग सभी प्रकार के इलेक्ट्रानिक उपकरणों के निमार्ण में इसका उपयोग बहुतायत से उपयोग किया जाता है, अतः इलेक्ट्रानिक्स से संबंधित विभाग में रूचि रखनें वालों के लिए कैपेसिटर के बारे में मुल जानकारी आवशय ही होनी चाहिए ।
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