सोलर सिस्टम में उपयोग होनेवाला सोलर पैनल जो अर्धचालक पदार्थ से बना हुआ एक प्रकार का इलेक्ट्रानिक उपकरण है, जिसका उपयोग प्रकाश के माध्यम से उर्जा अथवा बिजली उत्पन्न करनें में किया जाता है, इसके अन्दर सिलिकॉन पदार्थ का उपयोग करते हुए एक पतली सी परत बनाई जाती है। इसका उपयोग बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में व्यापक तौर पर किया जाता है, काफी प्रकार के घरेलु उत्पाद पावर स्रोत के अलावे स्ट्रीट लाईट के रूप में रौशनी के लिए, सिंचाई के लिए पानी के पम्प को चलानें हेतु तथा इसी प्रकार के अन्य बिजली स्रोत को पुरा करनें के लिए सौर पैनलों का उपयोग होता है। आज के समय में यह इतना व्यापक वैकल्पिक उर्जा के स्रोत के रूप मे सामने उभर कर आया है कि प्रत्येक वर्ष तकरीबन 50 से 60 मेगावाट तक की उर्जा इससे प्राप्त किया जा रहा है, इस प्रतिशत में प्रतिवर्ष काफी तेजी से प्रगती होती जा रही है।
- इतिहास:-
यह उर्जा स्रोत का काफी साफ एवं स्व्च्छ रूप है, इसके उत्पादन में हमरे प्रर्यावरण पर किसी प्रकार का प्रतिकुल प्रभाव नहीं पड़ता है, इस प्रकार की उर्जा प्राप्ती में सौर विकिरणों का उपयोग होता है, इस प्रोजेक्ट पर दुनिया भर मे काफी तेजी से विस्तार होता जा रहा है, जहां 1916 ई0 के अंत तक विशव के कुल बिजली उत्पादन का लगभग 1.8 प्रतिशत सोलर एनर्जी से प्राप्त होता था वह आकड़ा 2010 में बढ़ कर लगभग लगभग 8.6 प्रतिशत हो गया था, कहनें का तात्पर्य यह कि सौर उर्जा के क्षेत्र में दिन ब दिन काफी तेजी से विस्तार होता जा रहा है! शोधकर्ताओं के अनुसार और भी तेजी से प्रगति होनें के अनुमान लगाये गये है, यह आकड़ा 2020 ई0 तक बढ़कर लगभग 22.5 प्रतिशत तक हो जानें की उम्मीद है, इस प्रगती के कुछ मुख्य कारक बनता है पूरे विशव भर में पारम्परिक उर्जा के स्रोतों का काफी तेजी से दोहन होना! प्रारम्परिक उर्जा भण्डार में काफी तेजी कमी होने से विशव के देशों का विशेष ध्यान अब सौर उर्जा के क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है, सौर उर्जा प्रकृति प्रदत एक अक्षय उर्जा है इसका चाहे जितना उपयोग किया जाये इससे प्रकृति को कोई नुकासान नहीं है, अगर इसके भण्डर की बात की जाये तो वह भी असीमित कहा जा सकता है क्योंकि जबतक सूर्य से प्रकाश का उत्सर्जन होता रहेगा इस प्रकार की उर्जा हमें प्राप्त होती रहेगी। इस मीशन को प्राप्त करनें के दौड़ में दुनिया की सबसे बडी सौर उर्जा प्रणाली 2017 ई0 में Longyangxia Dam Solar Parkphu नाम से चीन में बनाई गई है, जिसकी विधुत उत्पादन की क्षमता लगभग 850 मेगावाट तक की है इसी प्रकार संयुक्त राज्य अमेरिका के Ivanpah Solar Power नाम से इस प्रकार के संयंत्र का निर्माण किया गया है जिसकी उत्पादन छ्मता लगभग 377 मेगावाट तक की है, इस प्रकार से हम देख पा रहे हैं कि विशव के ज्यातर देश सौर उत्पादन के क्षेत्र में काफी तत्परता से अग्रसर हो रहें हैं!
सौर उर्जा क्षेत्र में अगर भारत जैसे देश की बात की जाये तो यहाँ भी सरकार की ओर से इस क्षेत्र पर काफी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जैसे सोलर प्लेटों, सोलर पावर से संचालित होनेंवाले पानी के पंप, सोलर संचालित तरह तरह के लाईट सिंस्टम जो सरकार की ओर से अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके अलावे जगह जगह पर सोलर ईकायों को स्थापित किये जाने का कार्य भी काफी तेजी से किया जा रहा है, यहां के लोग भी अब धीरे धीरे इस ओर अग्रसर होते जा रहें हैं पारम्परिक विधुत उत्पादन की लागत भी अब समय के साथ बढ़ता जा रहा है यह एक विशेष कारण है इसके आलावे एक स्व्च्छ विधुत उत्पादन के रूप में भी इसे देखा जा रहा है, इसलिए कुल मिला यह कहा जा सकता है कि भारत के अन्दर सौर उर्जा का भविष्य काफी बेहतर है और यह आगे चलकर देश के वैकल्पिक उर्जा का एक मुख्य स्रोत बन सकता है!
एक सौर सेल बनानें में मुख्य घटक के रूप में सेमीकंडक्टर पदार्थ सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है। प्रारम्भ में ये सिलिकॉन पदार्थ अशु़द्ध रूप में होते हैं इन्हें शुद्ध करने के लिए एक इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस में रखा जाता है यहाँ से मिलनेंवाला पदार्थ भी पूर्ण शुद्ध सिलिकॉन नहीं होता है आगे की प्रकृया में इस पदार्थ को बोराॅन और फास्फोरस के साथ डोप किया जाता है इस प्रकृया में सेमीकंडक्टर पदार्थ सिलिकॉन को विधुत संचालन के लिए ज्यादा सक्षम किया जाता है। आगे इस शुद्ध सिलिकॉन पदार्थ को एक पतली सिलिकॉन डिस्क के रूप में निर्मित किया जाता है काफी सारे छोटे छोटे डिस्कों को जोड़कर उसे एक बडे सौर प्लेट के रूप में निर्मित किया जाता है, सारे प्लेटों में कनेक्शन के पशचात् उसे एक पारदर्शी पदार्थ से बने हुए कवर से ढ़का जाता है जैस सीसा अथवा पारदर्शी फाईबर आदि पदार्थ यह उन सिलिकॉन प्लेटों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से किया जाता है। फिर आवश्यकता के अनुसार एक या बहुत सारे सौर प्लेटों को एक साथ जोड़ कर सुर्य से आनेंवाली प्रकाश का उपयोग करते हुए इनसे विधुत का उत्पादन किया जाता है!
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जिस तेजी से विश्व के देशों में सोलर एनर्जी को लेकर होड़ लगी हुई वह सराहनीय है । इस प्रयास से पारम्परिक उर्जा स्रोतों के दोहन में कमी आनें के साथ साथ प्रर्यावरण सुरक्षा अथवा प्रर्यावरण स्वक्षता की ओर धीरे धीरे अग्रसर होनें को लेकर यह एक सफल राह है।
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