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इलेक्ट्रॉनिक्स / इलेक्ट्रिकल, सेमीकंडक्टर, इंडक्टर्स, रजिस्टेंस, इलेक्ट्रॉनिक प्रोजेक्ट, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रॉनिक्स ट्यूटोरियल, कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी, और इसी तरह के अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स संबंधित जानकारीयाँ पूर्ण रूप से हिन्दी में ……

शनिवार, 15 दिसंबर 2018

what is the meaning of semiconductor.

Semiconductor

 एक अर्धचालक पदार्थ में सुचालक एवं कुचालक दोनों पदार्थो के बिच का गुण पाया जाता हैअर्ध चालकता वाले उपकरण (जैसे डायोडट्रांजिस्टरएल.इ.डीआईसी, आदि) मे एक अर्ध चालक जंक्शन बनाया गया होता हैसभी प्रकार के अर्ध चालकों में ये जंक्शन ही मुख्य आधार होते हैइसके कुछ उदाहरण हैं जर्मेनयमसिलिकॉन , तथा गैजिकन  आर्सेनाइड,
Semiconductor
Semiconductor
आमतौर पर प्रयोग किये जानेंवाजे अर्ध चालक पदार्थो में  सिलिकॉन  के बाद गैजिकन आर्सेनाइड का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता हैये काफी महत्वपूर्ण अर्ध चालक पदार्थ हैजिसका प्रयोग लेजर डायोड एवं सोलर पैनल बनानें में किया जाता हैअधिकांश सेमी कंडकटर पार्टस को बनानें के लिए सिलिकॉन  अर्ध चालक पदार्थ का ही प्रयोग किया जाता है।
  1. आर्ध चालकता विवरण :-
एक अर्ध चालक जर्मेनियम प्रमाणु के valence electorn अपनें समीप के valence electorn से साझा कर सह संयोजक बंधन बनाते हैंऔर क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं, समान ताप पर यह आवष्यक उर्जा प्राप्त कर इस बंधन (co valence bond) को तोड़ देते हैं । इसके टुटनें से जो रिक्त स्थान बनता है। वह छ्रिद्र (hole)  कहलाता हैयह छ्रिद्र (hole)  धनात्मक आवेष के तुल्य होता हैजब कोई संयोजि इलेक्ट्रान इस बंधन को पुरा करनें के लिए छिद्र के पास आता है तो छिद्र (hole)  उस इलेक्ट्रान के द्रारा छोडे गये स्थान पर चला जाता है। अर्ध चालक की चालकता इन्हीं छिद्रों तथा संयोजी इलेक्ट्रानों के गतीशील होनें से उत्पन्न होता है। यह "एन टाइप" और "पी टाइप" दो प्रकार के होते हैंजैसे एन पी एन ट्रांजिस्टरऔर पी एन पी ट्रांजिस्टर इत्यादि होते हैं । एक अर्ध चालक क्रिस्टल में काफी सारे पी और एन टाइप के क्षेत्र होते हैं, इलेक्ट्रानिक सर्किट मे इन्हीं पी और एन टाइप के सेमी कंडटरों का बहुलता से प्रयोग होता है, 1904 में पहला अर्ध चालक डायोड का खोज किया गया थाजिसका प्रयोग सर्व प्रथम रेडियो रिसीवर में किया गया था ।
अपनें प्राकृतिक स्थिति में अर्ध चालक एक निम्न दर्जे का कंडक्टर होता है क्योंकि यह इलेक्ट्रानों के प्रवाह में काफी व्यवधान (अवरोधकता) उत्पन्न करता हैसेमी कंडक्टरर्स को डापिंग या गेटिंग जैसे तकनीकों के माध्यम से उन्नत कार्यशील बनाया जाता है।
Semiconductors
Semiconductors
कुछ अर्ध चालकों में गर्मी  उत्सर्जन  के बजाये प्रकाश उत्सर्जन करनें का गुण पाया जाता हैजिसका उपयोग L.E.D एवं अन्य समानुपाती पार्टसों मे किया जाता हैइनका भी मुख्य आधार सिलिकॉन और जर्मेनियम पदार्थ ही होते हैंक्योंकि एक समय में समान रूप से इनके अन्दर इलेक्ट्रानों को खोनें और हांसिल करनें की छमता होती है। इलेक्ट्रानिक उद्धयोगों में अर्ध चालक एक महत्वपूर्ण पदार्थ हैइसका ही उपयोग कर के ट्रांजिस्टरडायोडL.E.Dआईसी, एल डी आर, आदि घटकों का निर्माण संभव हो सका हैजिसका प्रयोग आज बहुलता से लैपटापमोबाईलप्रिटरस्कैनरआदि काफी तरह के घरेलु इलेक्ट्रानिक उत्पाद और बहुत सारे इलेक्ट्रानिक सर्किटों में किया जाता है। अच्छे प्रकार के अर्ध चालक सामग्रीयों  के निर्माण में रासायनिक शुद्धता काफी महत्वपूर्ण हैऐसा न होनें पर अर्ध चालक घटकों में कार्य कुशलता पर काफी ज्यादा असर पड़ता है,
transistor image
transistor 
  1. एन टाइप :-

जब जर्मेनीयम प्रमाणु(Tetra Valent) में Petra Valent तत्व जैसे आर्सेनीक मिलाते हैं तो इसमें इलेक्ट्रान का आधिक्य होता है आर यह एन टाइप का अर्ध चालक कहलाता है।

  1. पी टाइप :- 

चुकि जर्मेनियम परमाणु Tetra Valent  तत्व हैं इसलीए इसमें Trivalent तत्व मिलाते हैं जिसमे छिद्रों का आधिक्य होता हैऔर इस प्रकार का अर्ध चालक पी टाइप अर्ध चालक कहलाता है।

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