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इलेक्ट्रॉनिक्स / इलेक्ट्रिकल, सेमीकंडक्टर, इंडक्टर्स, रजिस्टेंस, इलेक्ट्रॉनिक प्रोजेक्ट, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रॉनिक्स ट्यूटोरियल, कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी, और इसी तरह के अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स संबंधित जानकारीयाँ पूर्ण रूप से हिन्दी में ……

शुक्रवार, 18 जनवरी 2019

what is the definition of THYRISTORS.

THYRISTORS 

Thyristors
Thyristors

अगर एक Thyristors को मुल रूप से समझा जाये तो इस इलेक्ट्रानिक पार्टस को एक प्रकार का इलेक्ट्रानिक स्विच कहा जा सकता है, यह एक प्रकार का सेमीकंडक्टर डिवाइस है इसके अन्दर एन और पी प्रकार के सेमीकंडक्टर की चार परते लगाई गई होती है, यह एक ऐसा यूनिडायरेशनल डिवाइस है जो करन्ट को सिर्फ एक दिशा में फ्लो होनें की अनुमति देता है, इसके फ्लो पोलिरिटी की सारी प्रकृया इसके मुख्य प्वांट गेट पर निर्भर करता है  गेट का उपयोग करते हुए इसमें प्रवाहित हो रहे करंट को कंट्रोल अथवा पूर्ण रूप से बंद किया जा सकता है। उपरी तौर पर यह एक ट्रांजिस्टर के भांति दिखता है परन्तु आन्तरिक बनावट में यह ट्रांजिस्टर से बिलकुल भिन्न होता है। ट्रांजिस्टर की भांती इसमें भी तीन टर्मिनल निकाले गये होते है परन्तु एक ट्रांजिस्टर में जहां बेस क्लेक्टर और इमिटर के पिन निकाले गये होते हैं वहीं एक Thyristors से जो तीन टर्मिनल निकाले गये होते हैं उसे
MT1 MT2 और GATE कहते हैं। एक ट्रांजिस्टर के भांति ये एम्पलिफिकेशन का कार्य नहीं करते परन्तु एक स्विच का कार्य ये काफी कुशलता से कर पाते हैं, Thyristors के अंतर्गत आनेंवाला एक प्रकार semiconductor जो SCR कहलाता है, जिसमें तीन टर्मिनल निकले होते हैं वह क्रमशः एनोड, कैथोड, और गेट कहलाता है। इससे एक स्विच का कार्य लेनें के लिए इसके गेट पर एक हल्की सी ट्रिगर वोल्टेज देनें की आवशयकता होती है इसके गेट पर जैसे ही करन्ट की थोडी मात्रा दि जाती है वैसे ही MT1 पर दिया जानेंवाले करन्ट हमें MT2 पर हु-बहु  प्राप्त हो जाता है, अगर इसके गेट पर से ट्रिगर वोल्टेज को हटा लिया जाता है वैसे हि MT2 पर मिलनें वाला करन्ट भी बन्द हो जाता है। एक SCR का करंट प्रवाह एक हि दिशा में होता है। यह A/C करंट के हाफ साईकल पर कार्य करता है जहां पर A/C के दोनों हाफ साईकलों पर कार्य लेनें की आवशयकता होती है वहां SCR’s का उपयोग किया जाता है जो ट्रायोड या ट्रैक के नाम से जानें जाते हैं, इसके अलावे कुछ प्रकार के और थाईरिस्टर जो बाई डायरेक्शनल ट्रिगर डायोड Diac और यूनिजंक्शन UJT आदि हैं ये सारे Thyristors के ही एक प्रकार हैं।
Thyristors & Scr
Thyristors & Scr

इतिहास:-
सर्वप्रथम व्यावसायिक तौर पर Thyristors का उपयोग 1956 0 से प्रारम्भ हो चूका था। चूकि यह करंट को नियंत्रित करनें में पूर्ण रूप से सक्षम था इसलिए इसका व्यापक प्रयोग इनवर्टर, आॅसिलेटर,  डिमर्स जो किसी इलेक्ट्रिक अथवा इलेक्ट्रानिक सर्किट में दिये जानेंवाले वोल्टेज को अपनें आवशयकता  अनुसार कम अथवा ज्यादा कर सकता था, इसके अलावा किसी मोटर के गती को नियंत्रित करनें में भी इसका व्यापक उपयोग होता है।
STATE
MT1
MT2
GATE
1
+
-
+
2
-
+
+
3
+
-
-
4
-
+
-
 इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि इलेक्ट्रानिक के क्षेत्र में Thyristors एक महत्वपूर्ण घटक है जिसका प्रयोग काफी सारे इलेक्ट्रानिक उपकरण में व्यापक तौर पर किया जाता है।
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