COMPLETE INTRODUCTION OF INDUCTION COOKER
induction cooker |
परिचय:-
induction cooking प्रणाली उष्मा उत्पन्न करनें की एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतरर्गत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव का प्रयोग कर के उष्मा उत्सर्जन करनें का कार्य किया जाता है, यह व्यवस्था चुम्बकिये गुण रखनें वाले बर्तनों पर कारगर हो पाता है, जिसमें लौह गुण अथवा लोहे के तत्व विधमान होते है, वैसे तत्व जिसपर किसी प्रकार का चुम्बकिये असर नहीं होता है उनके लिये यह कारगर नहीं है, परंतु मैग्नेटिक गुण रखने वाले वस्तुओं अथवा बर्तनों के लिये यह काफी बेहतर तरीके से कार्य कर पाता है, यह खुद को गर्म किये बगैर उपयोग किये जानें वाले बर्तन और उसमें रखी गई सामग्री को काफी बेहतर तरीके से गर्म कर पाता है, आधुनिक समय में आम तौर पर इनका उपयोग रसोई बनाने जैसे कार्यो के लिये काफी ज्यादा होनें लगा है।
इतिहास:-
1909 ई0 के आस-पास के समय को induction cooker के प्रारम्भिक दौर के रूप में माना जाता है, induction cooker के प्रारम्भीक दौर में अपनें उदेशय अर्थात् गर्मी उत्सर्जन के लिए उच्च दबाव वाली चुम्बकिये प्रभाव के उपयोग से संबंधित कई सारे परिक्षण किये गये 1970 से लेकर 1980 के बिच इसकी कार्य प्रणालि में कई तरह के परिर्वतन और सुधार भी किये गये जिसके फलस्वरूप आधुनिक induction kooking प्रणाली जो कई तरह के कंट्रोल सिस्टम के साथ उपलब्ध हैं, हमें देखनें को मिलते हैं। आज के समय में तो यह रसोई के उपयोग के लिए आम हो चुके हैं!
induction coil or inductor |
तकनीक:-
इंडक्सन हॅाब अथवा घरेलु प्रयोग हेतु जो इंडक्शन स्टोव उपयोग किये जाते है उनके कार्यान्वयन के तकनीक में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभावों का उपयोग करते हुए उष्मा प्रप्त करनें का होता है, इसके लिए यह मेन AC 220 वोल्ट का उपयोग कर के काफी उच्च विधुत चुम्बकीये क्षेत्र उत्पन्न करता है!
इस समय निर्मित किये जानें वाले लगभग सभी प्रकार के induction cooking सिस्टम में इलेक्ट्रानिक पैनलों का प्रयोग किया जाता है जो किसी भी इंडक्सन हब अथवा छोटे उदेशयों के लिए बनाये गये induction cooker में स्वचालित व्यवस्था को स्थापित करती है, जो इस सिस्टम को बेहतर बनानें में महत्पूर्ण भूमिका निभाते हैं.
किसी बर्तन को इसके उपर रखनें के बाद यह स्वचालित रूप से ऑन हो जाता है, तथा उस बर्तन को जैसे ही हटाया जाता है यह ऑफ़ हो जाता है जिससे अनावश्यक बिजली की बर्बादी को रोकनें में भी यह काफी हद तक कारगर हो पाता है,
अन्य स्टोव की तुलना में यह काफी तेजी से किसी बर्तन को अथवा उसमें रखी गयी सामग्री को गर्म करता है, जो इसकी एक विशेष विशेषता है कुकिंग गैस का उपयोग अथवा इलेक्ट्रिक हीटर जैसे उपकरणों के अपेक्षाकृत यह रसोई के कार्यो के लिए ज्यादा बेहतर साबित होता, इसके इसी विशेषता के कारण लोगों के बीच यह ज्यादा पसंद किया जाता है।
इसके कार्यान्वयन के लिए मुख्य घटक के रूप में तांबे के तार से बनाई जानेंवाली एक राउंडींग क्वायल का उपयोग कीया जाता है, जो उच्च चुम्बकिये क्षेत्र उत्पन्न करता है, चुकि यह खुद गर्म नहीं होता इसलिए गर्मी से बचाव के लिये कोई विशेष उपाय करनें की आवश्यकता नहीं होती है, इसके उपर लगाई जानें वाली सेरेमीक पट्टी से आनेंवाली थोडी बहुत उष्मा को एक छोटे फैन के द्रारा बाहर निकाल दिया जाता है, क्वायल के इर्द गिर्द वाली भाग में वेंटिलेशन की व्यापक व्यवस्था बनाई गई होती है, उत्सर्जित होनेवाली वाली तापमान को नियंत्रित करनें के लिए क्वायल के बिच में तापमान सेंसर प्रयुक्त कीया जाता है, इस प्रणाली में उपयोग किये जानें वाले बर्तन में विधमान विधुत प्रतिरोधक क्षमता मुख्य रूप से जिम्मेवार होती है, जिसके कारण एड़ी करंट की धारा बर्तन और उसमें रखी गई सामग्री को गर्म कर पाता है, यह प्रतिकृया सभी प्रकार के बर्तनों पर लागु नहीं होता, खास तौर पर यह लोहे के अंश वाली बर्तनों पर लागु होता है, induction cooker पर उपयोग करनें के लिए विशेष प्रकार के बर्तनों का निर्माण किया जाता है जिसके निचे के तलवे लौह अंश वाले तत्व से निर्मित किये जाते हैं, उपयोग की जानेंवाली मुख्य क्वायल के द्रारा उच्च दबाव वाली चुम्बकिये क्षेत्र उत्पन्न करनें के लिए एक इलेक्ट्रानिक सर्किट का प्रयोग किया जाता है जो विभिन्न सेमी कंडक्टर पार्ट्स के उपयोग से बनाये जाते है, इसके अलावें इस व्यवस्था को स्वचालित रूप से कार्यान्वन के लिए एक कंट्रोल पैनल भी व्यवस्थित किये जाते हैं जो इसके स्वचालित रूप् से चलनें में सहायक होती है.
उपरी सतह पर ग्लास सिरेमिक पदार्थ से निर्मित एक पट्टी लगाई जाती है जो क्वायल की सुरक्षा और उत्सर्जित होंनें वाली गर्मी के प्रभाव को induction cooker के आंतरिक भाग मे जानें से रोकता है, जिससे कि इलेक्ट्रानिक सर्किट को सुरक्षित रखा जा सके, इसके अलावें यह बर्तन के भार को भी अपनें उपर व्यवस्थित रखने का कार्य करता है।
induction cooker intarnal structure |
विशेषता, महत्व अथवा उपयोगः-
induction cooking प्रणाली काफी सरल तथा उपयोग करनें में आसान होती है, सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी अन्य प्रकार के स्टोंवों की तुलना में यह काफी बेहतर होती हैं, चुकि यह स्वचालित तकनीक पर आधारित होते हैं इसलिए यह रसोई जैसे कार्यो के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में माना जाता है,
इसकी कार्य प्रणालि के अंतरर्गत इसकी विशेषता की बात करें तो इसके अन्दर बननें वाले चुम्बकिये प्रभाव क्षेत्र में आनेंवाले बर्तनों तथा उसमें रखी गई सामग्रियों को यह काफी कुशलता से गर्म कर पाता है, उपयोग किये जानेंवाले बर्तन के अलावे किसी बाहरी स्तर पर इससे किसी भी प्रकार की उष्मा नहीं निकलती है, इसलिए अपनें आस पास के वातावरण को यह किसी प्रकार से प्रभावित नहीं करती है, इसके लिए वैक्ल्पिक वेंटिलेशन व्यस्था स्थापित करनें की आवशयकता नहीं होती, अपनें नजदीकी वातावरण को यह स्वक्ष रखनें में काफी कारगर होती है,
रख रखाव और मेन्टेन करनें की दृष्टिकोण से भी यह काफी आसान होता है क्योकि इसकी उपरी भाग सपाट एवं चिकनी होता है आकार में छोटा और कार्यशिलता में यह अन्य दूसरी स्टोवो की तुलना में काफी दक्ष होता है।
कुकिंग गैस, हिटर अथवा दुसरे अन्य प्रकार के रसोई बानाने के साधनों के अपेक्षाकृत कई मामलों यह बेहतर साबीत होता है,
अगर इससे नुकसान की बात करें तो इसके उपयोग से खाद्ध पदार्थो की पौस्टिकता में किसी प्रकार की गीरावट नहीं होती है, अन्य संबंधित प्रणालियों के अपेक्षाकृत यह ज्यादा बेहतर होता है, परंतु इस तकनीक के उपयोग में बिजली की खपत थोडी ज्यादा होती है साधाण तौर पर यह 1000 वाॅट से उपर की विधुत खपत करतें है, जो इसकी न्यून्तम खपत है इसके कई माॅडल इससे कई गुणा ज्यदा बिजली की खपत करते हैं, फिर भी यह कुकिंग गैस की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है।
induction cooker main circuit |
रिपेयरिंग विधि:-
induction cooker को चलनें के लिए मेंन 220/240 वोल्ट AC का उपयोग किया जाता है, इसकी पुरी प्रकृया में एक मेंन क्वायल जो इंडक्शन क्वायल के नाम से जाना जाता है जो की कई प्रकार के साईज में उपलब्ध होते हैं, एक छोटी फैन जो थोडी बहुत बन रही गर्मी को उत्सर्जित करनें का कार्य करता है, और दो इलेक्ट्रानिक सर्किट का प्रयोग किया जाता है, जिनमें एक कंट्रोल सर्किट होता है जो पूरी व्यवस्था का संचालन करता है, और दुसरी मेन बोर्ड जिसे इंडक्शन के मुख्य भाग के रूप में कहा जा सकता हैं.
induction cooker control panel |
ज्यादातर इसी मेन बोर्ड में खराबीया आती हैं, खास कर के हाई वोल्टेज की अवस्था में इसमें लगनें वाले IGBT सेमीकंडक्टर के खराब होनें की संभावना होती है, काफी कम मामलों में इसके मुख्य क्वायल के खराब होनें की संभावना होती हैं, इसे दुरूस्त करनें के लिए सबसे पहले जिस सेक्शन में खराबी हुई हो उसके सेमीकंडक्टर तत्वों की जाँच करनी चाहिए, इसके बाद क्रमशः अन्य पार्टसो की जाँच संबंधित विभाग के अंतरर्गत करनी चाहिए, ज्यादातर इनमें उपरी पार्टस जैसे की कंट्रोल पैनल में लगनें वाली स्विचें, वेंटिलेशन सिस्टम में लगे फैन, और मुख्य बोर्ड में लगनें वाले IGBT और कैपेसीटरों की खराबी आनें की संभावना होती है, इसकी रिपेयरींग करते समय AC इनपुट की प्रारम्भीक प्वांट से प्रारम्भ कर क्रमशः मुख्य क्वायल तक जाँच करनी चाहिए, इस तरह फाल्ट के पता चल जानें के बाद संबंधित पार्टस को बराबर नम्बर के साथ बदल देनी चाहिए, इस तरह आप अपनें खराब हुए induction cooker की रिपेयरिंग बड़े ही आसानी से कर सकते हैं।
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