Auto Cut Stabilizer Fault Finding
- Fault Finding No 1 :-
( डेड स्टेब्लाईजर)
आज हम Auto Cut Stabilizer Fault Finding और कम्प्लीट डेड स्टेब्लाईजर के बारे में विस्तार से जानेगे :- डेड ईजर उस स्टेब्लाईजर को कहते हैं जिसकी आउटपुट से कोई वोल्टेज प्राप्त न हो रहा हो, इस प्रकार के स्टेब्लाईजर को चेक करनें के क्रम में सर्वप्रथम हम मल्टीमीटर को 220 वोल्ट a/c के रेंज में रखकर आउटपुट सॉकेट को चेक करते हैं, अगर वहां हमें a/c सप्लाई नहीं मिलता है तो इसके पश्चात् मेन लीड तथा क्रमशः ऑन/ऑफ स्विच को चेक किया जाता है। क्योंकि इन दोनों में से किसी एक के ओपन होनें से स्टेब्लाईजर डेड हो जाता है! ओटो ट्रासर्फामर के वाईंडींग के ओपन हो जानें पर पर भी अप की स्थीति में 1पोल 8 वे स्विच (रोटरी स्विच) के सीरे 1 पर तथा डाउन की स्थीति में 8 न0 के पोल पर वोल्ट आवश्य मिलेगा अगर मेन लीड और ऑन/ऑफ स्विच ओपन है तो 1 पोल 8 वे स्वीच (रोटरी स्विच) के सिरे 1 एवं 8 पर किसी प्रकार का वोल्ट नहीं मिलेगा।
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Auto Cut Stabilizer r Circuit Diagram |
- Fault Finding No 2 :-
(स्टेब्लाईजर की अप और डाउन दोनों ही स्थीति में एक समान वोल्ट का प्राप्त होना इसके अलावा डी.पी.डी.टी स्वीच के बदलनें का भी कोई प्रभाव नहीं होता है) यह खराबी मुख्य रूप से ओटो ट्रासर्फामर की कॉमन और 180 वोल्ट के पोल के बीच की क्वायल के ओपन हो जानें के कारण होती है। ट्रासर्फामर के कॉमन सीरे को ए/सी सप्लाई की नेगेटीव दी जाती है, लेकिन जब यह और 180 वोल्ट के सिरे के बीच क्वायल ओपन हो जाती है तो ट्रासर्फामर को नेगेटीव करन्ट मिलना बन्द हो जाता है! अगर डी.पी.डी.टी स्वीच को अप की स्थीति मे रखा जाये तो ट्रासर्फामर की पुरी वाईडींग एक ही वाईडींग हो जानें पर डी.पी.डी.टी स्वींच दोनों स्थीतियों अर्थात अप और डाउन की स्थीति में आउटपुट वोल्ट प्राप्त होंगें लेकिन वह वोल्ट इनपुट सप्लाई के बराबर ही होंगे, इसी प्रकार से डी.पी.डी.टी स्वीच की डाउन की स्थीति में भी हमे इनपुट और आउटपुट दोंनो मे ही बराबर वोल्टेज प्राप्त होंगे।
यह खराबी मुख्य रूप् से ओटो ट्रासर्फामर के सिरे 1 से सिरे 8 तक के किन्ही दो सिरों के बिच की क्वाईल ओपन हो जानें के कारण होती है। उदाहरण स्वरूप् अगर मान लिया जाये कि सिरे 4 और सिरे 5 के बिच की क्वाईल ओपन हो गई हो, अब अगर अप की स्थीति मे डी.पी.डी.टी स्वीच को रखा जाये तो सिरे 1 से सिरे 4 तक वोल्ट प्राप्त होंगे तथा प्रत्येक अप की स्थीति में वोल्ट बढ़ेंगे लेकिन जैसे ही रोटरी स्वीच के सिरे को 5 न0 पर करेंगे वैसे ही स्टेब्लाईजर का वोल्ट मीटर वोल्ट बताना बन्द कर देगा और उसके बाद के जितनें भी सिरे होंगे अर्थात् सिरे 8 तक किसी प्रकार का वोल्ट प्राप्त नहीं होगा इसी प्रकार जब स्टेब्लाईजर को डाउन की स्थीति मे रखा जायेगा तो सिरे 8 से सिरे 5 तक वोल्ट प्राप्त होंगे तथा प्रत्येक डाउन की स्थीति मे वोल्ट भी कम होते जायेंगे परन्तु जैसे ही रोटरी स्वीच के सिरे न0 4 पर प्वांट को लाया जायेगा वैसे ही स्टेब्लाईजर का वोल्ट मीटर, वोल्ट बताना बन्द कर देगा तथा इसके बाद के सिरे से 1 न0 के सिरे तक किसी प्रकार का वोल्ट प्राप्त नहीं होगा
इस स्थीति में स्टेब्लाईजर की रिपेयरींग के लिए दो तरीके हैं एक तो यह की वाईडींग ओपन ट्रासर्फामर को बदल दिया जाये तथा दुसरी विधि यह है कि रोटरी स्वीच के पोल न04 और 5 के बीच (अर्थात् जिस प्वांट का वाईडीग ओपन हो) एक तार जोड़ दिया जाये जिससे कि विधुत का प्रवाह उस क्वायल को बाद करते हुए होनें लगे इस विधि से स्टेब्लाईजर तो कार्य करनें लगेगा परन्तु उसकी एक स्टेप कम हो जायेगी।
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Auto Cut Stabilizer, Auto Cut Circuit |
- Fault Finding No 3 :-
(ओटोकट स्टेब्लाईजर में ओटोकट प्रकृया कार्य नहीं करता)
यह खराबी ओटोकट से संबंधीत विभिन्न पुर्जों से हो सकती है सर्व प्रथम रिले क्वायल की जाँच हम करते हैं, रिले क्वायल के ओपन हो जानें के कारण रिले स्वीच अपना कार्य करना बन्द कर देगी जिससे कि स्वीच हमेंशा सप्लाई की स्थीति में रहेगा और आवश्यकता से अधिक वोल्ट होनें पर पावर कट नहीं हो पायेगा इसके अलावे रिले ऑपरेटिंग ट्रासर्फामर, डायोड आई एन 4001, फिल्टर कैपेसीटर, रजिस्टेंस 1.5 किलो ओम, प्रि-सेट, जेनर डायोड या ट्रांजिस्टर में से किसी एक के या एक से अधिक पार्ट्स के खराब हो जानें पर ओटोकट प्रकृया कार्य नहीं करेगी। इन्हें क्रमशः चेक करेंगे। और जो भी पार्ट्स ओपन या लिकेज मिलेगा उसके स्थान पर उसी न0 का दुसरा नया पार्ट्स लगा देंगे इससे सम्भवतः ओटोकट प्रकृया ठीक हो जानी चाहिए।
- Fault Finding No 4 :-
(स्टेब्लाईजर हमेंशा ओटोकट की स्थीति मे रहता है। चाहे वोल्ट 220 से कम ही क्यों न आ रहा हो)
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Auto Cut Stabilizer Block Diagram |
यह खराबी मुख्य रूप से जेनर डायोड या ट्रांजिस्टर में से किसी एक के शोर्ट हो जानें के कारण से होती है, जेनर डायोड के शोर्ट हो जानें पर ट्रांजिस्टर के बेस पर बेस के वाससींग के लिए जो ऑपरेटिंग वोल्टेज होती है वह सीधे ही आ जायेगी जिससे कि ट्रांजिस्टर की स्वीचिंग प्रकृया ऑन हो जायेगी जिसके फलस्वरूप रिले हमेंशा ऑन की स्थीति में रहेगा और आउटपुट वोल्टेज कट प्रक्रिया में बनी रहेगी आउटपुट में हमें किसी प्रकार का वोल्ट प्राप्त नहीं हो पायेगा। शोर्ट जेनर डायोड के स्थान पर एक नया जेनर डायोड लगानें से पहले ये ध्यान रखना चाहिए कि नये जेनर डायोड की वोल्ट कैपेसीटी रिले ऑपरेटिंग ट्रासर्फामर की वोल्ट कैपेसीटी कम हो तथा वह कम से कम 400 मीली एम्पीयर की कैपेसीटी का होना चाहिए लेकिन अगर ट्रांजिस्टर शोर्ट हो गया है तो उसके स्थान पर उसी के समान न0 का दुसरा ट्रांजिस्टर लगाना चाहिए जो पहले लगा हुआ था।
कई सर्किट में जेनर डायोड के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया होता है जिसकी बेस या तो काम में नहीं ली गई होती है अथवा उसे काट दिया जाता है इन सारी प्रक्रीया को अपना कर आप Auto Cut Stabilizer Fault Finding और उसे आसानी से ठीक कर सकते हैं ।
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