TYPES OF AMPLIFIER and AMPLIFIER CIRCUIT
पिछले अध्याय के अन्तर्गत हमनें एक amplifier की कार्य एवं उपयोगिता के बारे में समझा। इस अध्याय के अन्तर्गत amplifier circuit के प्रकार के बारे में हम समझेंगे। एम्लिफायर को हम निम्न प्रकार से वर्गीकृत करते हैं
- RC COUPLED AMPLIFIER
- DC COUPLED AMPLIFIER
- PUSH PULL AMPLIFIER
- CASCODE AMPLIFIER
- CLASS ”A” AND CLASS ”B” AMPLIFIER
rc coupled amplifier circuit
निचे देये गये चित्र के अनुसार -जहां C 1 तथा C 2 एक्स कप्लींग कैपेसीटर C 3 तथा C 4 बाई पास कैपेसीटर, R 1 तथा R 2 हाई वेल्यु रजिस्टेंस R 5 एवं R 6 सेकेंड सिग्नल रजिस्टेंस, R 3 R 4 तथा R 7 लो वेल्यु का रजिस्टेंस दिया गया है, इस amplifier में ट्रांजिस्टर के बेस पर सिग्नल इनपुट एक कपलींग के द्रारा देते हैं, ट्रांजिस्टर के कलेक्टर को एक रजिस्टेंस के द्रारा पावर सप्लाई दिया जाता है, एवं इमिटर को एक रजिस्टेंस के द्रारा ग्राउंड कर देते हैं, ये दोनों रजिस्टेंस कम मान का होता है! ट्रांजिस्टर के बेस पर P/S से अधिक मान के दो रजिस्टेंस के द्रारा वायस वोल्टेज देते हैं, और दुसरे रजिस्टेंस को ग्राउंड कर दिया जाता है, इससे जो सिगनल एम्लिफाई हो कर ट्रांजिस्टर के कलेक्टर पर आउटपुट के रूप मे हमें प्राप्त होता है उसे एक कपलींग कैपेसीटर के द्रारा दुसरे स्टेज में और भी ज्यादा एम्लिफिकेशन के लिए भेज दिया जाता है।
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Rc Coupled Amplifier Circuit |
RC COUPLED एम्लिफायर का ज्यादातर उपयोग रेडियो रिसिवर, पुरानें समय में उपयोग किये जानेंवाले टेप रिर्काडर इत्यादि में किया जाता था, अथवा अब भी किया जाता है यह आमतौर पर छोटे एम्लिफायरों या यू कहें की कम वाट के एम्लिफायरों में प्रयोग किया जानेंवाला टेकनीक है। यह 10 Hz से उपर की फ्रिक्वेंशियों को एम्लिफाई करनें के लिए उपयोग में लिया जाता है, कम इलेक्ट्रानिक पार्ट्स के उपयोग किये जानें के कारण इसकी निर्माण लागत भी कम आती है इसे काफी अच्छा amplifier के श्रेणी में नहीं रखा जाता है फिर भी इसका काफी उपयोग किया जाता है।
DC COUPLED AMPLIFIER
Dc Coupled Amplifier Circuit |
DC COUPLED AMPLIFIER का उपयोग ज्यादातर उस स्थान पर किया जाता है जहां पर एक आई से निकलनेंवाली आउटपुट को एम्लिफाई करना होता है चूकि ज्यादा बडे आकार के कैपेसीटर आदि को आईसी के अन्दर व्यवस्थ्ति करना यथोचित नहीं होता है अपितु और भी कई कारण होते हैं जिससे कि इस विभाग को आईसी से बाहर सर्किट बोर्ड पर निर्मित करना होता है। टेलिविजन के सर्किटों मे इसके निर्माण को देखा जा सकता है। इसकी सारी व्यवस्था RC COUPLED amplifier के जैसा ही होता है परन्तु इसमें केवल कपलींग कैपेसीटर नहीं लगाया जाता है।
PUSH PULL AMPLIFIER
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Push-Pull Amplifier Circuit |
PUSH PULL AMPLIFIER का उपयोग ज्यादातर डिजिटल लॉजिक प्रणालियों वाले इलेक्ट्रानिक सर्किटों CMOS आदि के लिए प्रयुक्त होता है, इसके अंतर्गत NPN और PNP दोनो प्रकार के ट्रांजिस्टरो का उपयोग होता है।
CASCODE AMPLIFIER
Coscode Amplifier Circuit |
CASCODE AMPLIFIER के निर्माण में आमतौर पर दो स्टेज से कार्य किया गया होता है प्रत्येक स्टेज के लिए अलग अलग ट्रांजिस्टर, BJT या FET आदि का प्रयोग किया गया होता है, पहले स्टेज को सामान्य एमिटर के तौर पर उपयोग होता है, जो दुसरे स्टेज के बेस के लिए अथवा FET के प्रयोग किये जानें पर गेट के लिए कॉमन इनपुट के लिए संचालित होता है, कैसकोड amplifier के अंतर्गत पहले और दुसरे स्टेज को इनपुट और आउटपुट तकनिकों में ज्यादा विभिन्नता के कारण यह रिर्वस ट्रांसमिशन को बिलकुल कम कर देता है जिस कारण से इनपुट और आउटपुट का कोई सीधा संबंध नहीं बन पाता तथा मिलर के प्रभाव को समाप्त कर देता है इस प्रकार के एम्लिफायर के बैंडविड्थ की चैंडाई ज्यादा होती है। इसे इमिटर रिलेवर एम्लिफायर भी कहा जाता है।
CLASS ”A” AND CLASS ”B” AMPLIFIER
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