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सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

SCREEN PRINTING FUNDAMENTAL AND GUIDE.

SCREEN PRINTING


SCREEN PRINTING material
SCREEN PRINTING
material
एक प्रिंटिंग उध्योग के अंतर्गत SCREEN PRINTING सम्भवतः सबसे कम पूंजी में किया जानें वाला धंधा हैजिन लोगों के पास काफी कम पूंजी है वैसे लोग इस धंधे में आ कर अच्छी खासी कमाई कर सकतें हैअगर वो चाहें तो अपनें जिवीकोपार्जन का इसे मुल स्रोत भी बना सकते हैंआज के समय में काफी लोग अपनें मुल कारोबार के रूप् में SCREEN PRINTING को ही अपना मुख्य रोजगार बना लिया हैयह कम पूंजी के उपयोग से किया जानेंवाला एक एक बहुत ही अच्छा कारोबार हैइस कारोबार के अंतर्गत काम की कभी भी कमी नहीं होती हैभारत जैसे देश में तो शादियों के सिजन में यह काम इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इधर उधर का कुछ सोंचनें के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। शादि कार्डपम्पलेट,बील बुक,कैलेंडर,आदि बहुत से ऐसे कार्य हैं जिसकी छपाई SCREEN PRINTING के माध्यम से किया जाता है। तो चलिए आगे हम SCREEN PRINTING में उपयोग किये जानेंवाले मुल तकनीक और उसमें उपयोग होनेंवाली सामग्रीयों के बारे में विस्तृत रूप् से जानेंगें जिसका उपयोग कर के नये शिरे से स्क्रीन प्रिंटिंग का कारोबार प्रारम्भ किया जा सकता है।
SCREEN PRINTING में (फिक्सड कैपिटल) अचल पूंजी के रूप् मे उपयोग आनेंवाले समग्रीयों का विवरण:-
  1. ·         एक लैपटॉप अथवा डेस्कटॉप कम्पयूटर:-
  2. ·         लेजर प्रिंटर:-
  3. ·         एक्सपोजिंग के लिए लाईटिंग की व्यवस्था:-
  4. ·         प्रिटिंग टेबल:-

     ये सारी व्यवस्थायें एक स्क्रीन SCREEN PRINTING में अचल पूंजि के रूप् में उपयोग की जाती हैइनको सिर्फ एक बार परचेज करना होता है इसके बाद इनका उपयोग लम्बे समय तक होता रहता है बीच बीच में कभी कभार इनमें खराबीयाँ आनें पर इन्हें मरम्मत करनें की आवशयकता होती है।
वेरियेबल कैपिटल (चल पूंजि) के रूप् में उपयोग किये जानेंवाले सामग्रियों का विवरण :-
  1. ·         प्रिंटिंग फ्रेम जिसमें एक काफी पतला पारदर्शी कपडा लगा होता है:-
  2. ·         रबड़ स्टैंप्पर:-
  3. ·         क्रोमीलीन फिल्म:-
  4. ·         सुपर कोट:-
  5. ·         बाईक्रोमाईट:-
  6. ·         सेन्सटाईजर
  7. ·         प्रिटिंग में उपयोग होनेंवाले पीवीसीइंक:-
  8. ·         ट्रेस पेपर:-
  9. ·         ट्रेस पेपर को फ्रेम पर दबानें हेतु एक कांच का टुकडा:-
  10. ·         वाटर स्प्रे बोतल:-
  11. ·         एक प्लास्टिक ट्रे अथवा टब:-

SCREEN PRINTING की पूर्ण विधि -
SCREEN PRINTING कार्य को प्रारम्भ करनें से पहले यह सोंच लेना चाहिए कि प्रिटिंग किस चिज के लिए करना है उदाहरण स्वरूप अगर हमें शादी की कार्ड की प्रिटिंग करनी हो तो सर्व प्रथम उसके लिए एक ट्रेस पेपर प्रिन्ट करनी होती हैइसके लिए कार्ड के प्रिंटींग ऐरिया के अनुरूप् कम्प्यूटर का उपयोग करते हुए Ms word या Page maker पर जिस भी भाषा में कार्ड बनानी हो उसकी टाईपिंग कर ली जाती हैइसके बाद इसका प्रिंट एक साधारण पेपर पर न लेकर ट्रेस पेपर के उपर लेजर प्रिंटर का उपयोग कर के ले लिया जाता हैअगर SCREEN PRINTING कोरोबार की लागत और भी कम करनी हो तो इस कार्य को किसी भी कम्प्यूटर शॉप से कराया जा सकता हैजो टाईपिंग का कार्य करते हो इस कारोबार में पूंजी के रूप् में सबसे ज्यादा राशी कम्पयूटर अैर प्रिंटर में ही खर्च होती हैअतः ट्रेस प्रिंटीग का कार्य अगर बाहर से कराया जाये तो इस कारोबार की लागत बहुत ही कम हो जाती है।
 
screen pringting
screen pringting 
  • STEP-01

ट्रेस पेपर तैयार हो जानें के बाद SCREEN PRINTING के लिए जो फ्रेम आता है उसे हम लेते है इस फ्रेम के ऊपर एक प्रकार का जालीनुमा कपड़ा लगा होता है अगर आप चाहें तो कपड़े और फेम को अलग अलग ले कर उसे फेम के उपर एक रस्सी के सहारे खुद ही लगा सकते हैंरस्सी को लगानें के लिए फ्रेम में उसी आकार का खांचा बनाया गया होता है,इसके बाद फ्रेम पर लगानें के लिए केमिकल बनानें की बारी आती है केमिलक तैयार करनें के लिए सुपर कोट को माप के अनुसार बड़ी या छोटी फ्रेम के अनुसार तीन या चार चम्मच लेते हैं इसके बाद सेन्सटाईजर जो एक छोटे से पैकेट में आती है उसको सही प्रकार से उपयोग करनें हेतु छोटे से प्लास्टिक बोतल में जो छोटी वाली कफ सिरफ बोतल के आकार में हो सेन्सटाईजर के पुरी पैकेट को डाल कर उसे अच्छे प्रकार से मिला कर एक घोल बना लिया जाता है इस घोल का उपयोग कई बार के एम्सपोजिंग में किया जाता हैक्योंकि इस केमिलक की काफी छोटी मात्रा प्रयोग में लि जाती है। इसे दो तरह से तैयार किया जा सकता है एक फ्रेम में उपयोग हेतु जो हमनें तीन चार चम्मच सुपर कोट का लिया था उसमें या तो चार पांच चिनी के दानों के बराबर सेन्सटाईजर को डायरेक्ट ही मिला लें अथवा इसकी पुरी पैकेट का का जो हमनें घोल तैयार किया था उसकी सात से आठ बुंदें मिलानी होती है इन दोंनों केमिकल अर्थात सुपर कोट और सेन्सटाईजर को काफी अच्छे प्रकार से मिलानें की जरूरत होती है।
  • STEP-02

केमिकल तैयार हो जानें के बाद रबड़ स्टैंमप्पर के सहायता से फेम के उपर लगे कपडे के उपर जितना पतला हो सके इस केमिकल की परत चढ़ाई जाती हैयह परत फ्रेम पर लगाये गये कपड़े के बाहरी ओर चढ़ाई जानी चाहियें क्योंकि अन्दर वाले भाग में इंक का उपयोग करते हुए प्रिंटिंग का कार्य लेना होता है फ्रेम पर केमिकल लग जानें के बाद उसके उपर क्रोमीलीन फिल्म को अच्छे प्रकार से चिपकाया जाता हैपरन्तु हम यहाँ क्रोमीलीन फिल्म के प्रयोग को भी छोड़ देते हैइससे कुछ और राशी की बचत हो जाती हैऔर कार्य में कोई बाधा भी नहीं होती फ्रेम वाले कपड़े के उपर केमिकल लग जानें के बाद उसे अच्छी प्रकार से सुखा लिया जाता है अगर जल्दीबाजी हो तो हेयर ड्रायर के प्रयोग से इसे काफी जल्दी सुखाया जा सकता है। यहाँ ध्यान देंनें वाली यह बात है कि यह सारा कार्य लाल प्रकाश युक्त कमरे में किया जाना चाहिए क्योंकि प्रकाश पड़नें पर जो हमनें कपडे के उपर फिल्म बनाई थी वह खराब हो जाती है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • STEP-03

फ्रेम के उपर लगाया गया केमिकल अर्थात बनाई गई वह पतली सी फिल्म जब पुरी तरह से सुख जाती है तब इसके प्शचात जो हमनें सर्वप्रथम ट्रेस पेपर तैयार किया था उसे उल्टा कर के फ्रेम के उपरी भाग वाली सतह पर रखते हैं और उसे एक मोटी और भारी कांच के टुकड़े से दबा दिया जाता है फ्रेम को दबानें के लिए सीसे और लकडी के बीट का उपयोग कर के एक बाहरी फ्रेम बनाया जा सकता हैजिससे की एक्सपोजिंग के कार्य में काफी सहुलियत हो जाती है। फ्रेम के उपर सीसे को अच्छी प्रकार से दबा देनें के पशचात इसे कुछ समय के लिए प्रकाश में रखनी होती है परन्तु यहाँ भी यह ध्यान देनें योग्य बात है कि इतना तक का सारा कार्य लाल प्रकाश युक्त कमरे में ही होना चाहिए।
  • STEP-04

आगे फ्रेम के उपर एक्सपोजिंग करनी होती है इस कार्य को टयूब लाईट की रौशनी या सीधे तौर पर धुप दिखा कर भी किया जा सकता हैधुप वाली स्थिती में इस तैयार फ्रेम के उपर कांच वाली साईड को सीधे तौर पर धुप के सामनें लाते हैं अगर धुप ज्यादा खीली हो तो ज्यादा से ज्यादा 40/ 50 सेकेन्ड तक की रौशनी फ्रेम पर डाली जाती है। टयुब लाईट के उपयोग एक ज्यादा बेहतर तरीका है क्योंकि सुर्य की रौशनी हमेंशा उपलब्ध नहीं होती है बरसात के दिनों में या शाम अथवा रात के समय अगर प्रिटिंग का कार्य करना हो तो सूर्य की रौशनी वाला तरीका कारगर नहीं हो पाता है। इस समस्या से बचनें के लिए हम टयूब लाईट की रौशनी के उपयोग से इस कार्य को अच्छी प्रकार से कर सकते हैं। इस इक्यूपमेंट को तैयार करनें के लिए चार या छः 20 वाॅट की छोटी टयूब लाईट को पैरेलर में लगाया जाता है। तथा उसी के हिंसाब से उसमें चौक स्थापित की जाती है। इन सारी टयूब लाईट को एक फ्रेम में लगा कर उसके उपर एक मोटी ग्लाॅस की प्लेट लगाई जाती हैं। इस बनाये गये लाईटींग प्रकृया का उपयोग एक्सपोजींग के कार्य में काफी अच्छी प्रकार से किया जा सकता है। टयूब लाईट से एक्सपोजिंग उठाने के लिए कम से कम 4 से 6 मीनट तक की रौशनी दिखानी होती है।
  • STEP-05

एक्सपोज हो जानें के बाद फ्रेम को घोनें की बारी आती है एक्सपोज किये गये फ्रेम के उपर धीरे धीरे पानी डालते हुए धोया जाता हैऐसा करनें से उसपर अंकीत अक्षर धीरे धीरे दिखनें लगते हैं या उनमें उभार आनें लगता है और अंत में वह अक्षर परदर्शी हो जाते हैं जिस स्थान पर अक्षर परदर्शी नहीं हो पाते हैं वहां वाटर स्प्रे का उपयोग करते हुए पारदर्शी बना लिया जाता है। इसके बाद इस फ्रेम को पूरी तरह से सुखनें के लिए धुप में छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार से यह फ्रेम प्रिंटींग कार्य के लिए पूर्ण रूप् से तैयार हो जाती है। फिल्म के किनारे अवाक्षीत पारदर्शी भाग को टेप चिपका कर बंद कर लिया जाता है क्योंकि प्रिंट ऐरिया से बाहर स्याही पार न हो सके । अगर बीच बीच में अवांक्षीत पारदर्शी भाग दीखती है तो सुपर कोट लगा कर उसे बन्द करते हैं और उसे फिर से सुखा लिया जाता है।
  • STEP-06

छपाई करने के लिए सबसे पहले एक टेबल पर लगाये जानें वाले सिकंजे में फ्रेम को कसा जाता है। टेबल का उपरी भाग बराबर और चिकना होना चाहिए अगर ऐसा नहीं है तो उसपर एक मोटे सीसे की प्लेट को लगा लिया जाता है। तब जा कर एक एक कर के कार्ड या अन्य छपाई की जानें वाली चिजों पर छपाई का कार्य किया जाता है। इसके लिए इंक को फ्रेम के अन्दरूनी भाग में रखकर फ्रेम के नीचे कार्ड को लगाते हैं और रबड़ स्टैम्पर की सहायता से प्रिन्टींग का कार्य किया जाता है।
  • STEP-07

प्रिंटिंग का कार्य पूरा हो जानें के बाद फ्रेम धोनें की बारी आती हैजिसके लिए सबसे पहले हम फ्रेम पर लगें इंक को हटाते हैं इंक साफ करनें के लिए इमाईल या थिन्नर का उपयोग किया जाता हैइंक साफ हो जानें के बाद फ्रेम के उपर से फिल्म को साफ करनें की बारी आती है फिल्म को हटानें के लिए डिकोडटर और ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग किया जाता है, इसे फ्रेम के उस ओर लगाते हैं जिस ओर फिल्म लगी होती है कपडे का उपयोग करते हुए धीरे धीरे रगड़ कर हम फिल्म को साफ कर लेते है डिकोडटर लगानें के बाद फिल्म उसमें धीरे धीरे घुल जाती है और थोडी बहुत बचती है तो उसे रगड़ कर साफ कर लेते हैं और अंत में पानी और साबुन का उपयोग कर के और अच्छी प्रकार से धो कर उसे सुखा लेते हैं
  • STEP-08

इस प्रकार से यह स्क्रीन प्रिटिंग की पुरी प्रकृया की जाती हैदुसरी बार फिर से छपाई करनी हो तो यही सारी प्रकृया फिर से करनी होगी एक बार छपाई कर लेनें के बाद धिरे धिरे खुद ही अभ्यास होता जाता हैखास कर के एक्सपोजिंग के समय फिल्म पर प्रकाश डालनें की टाईमींग का अभ्यास शुरू शुरू में यह कार्य अटपटा सा लगता है परन्तु आगे चल कर यह काफी आसान सा हो जाता है,फिल्म तैयार करना,एक्सपोज करना और आगे छपाई का कार्य करनें में  किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती । अगर आप इस प्रकार के SCREEN PRINTING से संबंधीत उध्योग को स्थापित करना चाहते हैं तो इसमें प्रयोग आनेंवाली सारी सामग्री काफी आसानी से बाजार में उपल्बध हो जाते हैं।
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