Electronics
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उपयोगिता:-
आधुनिक दौर में अगर देखा जाये तो दैनिक दिनचर्या अर्थात दिन का सिर्फ एक घंटा ऐसा नहीं बितता होगा जिसमें आपको इलेक्ट्रानिक उपकरणों से रूबरू न होना पड़ता हो वो घर के अन्दर हो या घर के बाहर उदाहरण स्वरूप -मोबाईल,टेलिविजन,ए0सी0,सभी प्रकार की गाडीया, कम्प्यूटर, लैपटाप, अर्थात बिजली और बैटरी से चलनेंवाले सारे उपकरण इलेक्ट्रानिक के परिक्षेत्र में ही आते है । व्यवहारिक समस्याओं को हल करनें के लिए इलेट्रॅानिक सर्किट का डिजाईन किया जाता है । अगर हम पुरानें समय को पिछे छोड़ आये हैं, तो आधुनिक दौर में हम इनके बिना रहनें की कल्पणा भी नहीं कर सकते सुबह से लेकर शाम तक हमें इन्हीं के इर्द-गिर्द रहना होता है। तो आइये इलेक्ट्रानिक बेसिक से एडभांस के अन्दर पुर्ण रूप से हिन्दी भाषा के माध्यम से हम इनकी जानकारी प्राप्त करेंगे।
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कार्यप्रणाली:-
इलेक्ट्रॅानिक विषय विधुत सर्किट से संबंधीत है आमतौर पर जो इलेक्ट्रॅानिक उपकरण होते हैं । उनमें विषेश रूप से सक्रिय अर्धचालक पदार्थ होते हैं, जो डिजाईन किये जानेंवाले सर्किट के अनुसार कार्य करते हैं, आवश्यकता के अनुसार सार्किट के अन्दर उनसे कार्य लिया जाता है, इलेक्ट्रॅानिक उपकरणों कि विषेश छमता ही डिजिटल सुचना-प्रसंस्करण में मुख्य भुमिका निभाती है ।
अर्धचालक पदार्थ से निर्मित उपकरणों और इससे संबंधित प्रौधोगिकी का अध्धयण भौतिक विज्ञान के अन्दर आनेवाला विषय है, इलेक्टॅनिक सर्किट का र्निर्माण,उपयोगिता के अनुसार डिजाईन, आदि पहलुओं को इलेक्ट्रानिक्स इंजिनियरिंग के अन्दर समाहित विषय है, समय-समय पर कई वैज्ञानिक इस विषय पर अपना योगदान देते रहें हैं, जिसके फलस्वरूप आज के इलेक्टॅानिक्स की दुनिया को देख पा रहें है।
हमारे द्वारा प्रयोग किये जानेंवाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों में अगर हल्की सी भी खराबीयाॅं आ जाती है, तो हमें काफी पेरशानियों का सामना करना पड़ता है । और उसे ठिक करानें के लिए हमें समय और पैसा दोनों ही खर्च करनें पड़ते है । इस तरह के उपकरणों को खुद ही ठिक करनें के लिए काफी विवरण इस ब्लाग सिरीज में क्रमशः दिया जायेगा वो भी बेसीक से एडभांस की ओर..............
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आप अगर इलेक्ट्रॅानिक उपकरणों के सर्किट को देखते हैं, तो पायेंगे की लगभग उपकरणों में इलेक्ट्रॅानिक पार्टस रजिस्टेंस,कैपेसीटर,सेमीकंडक्टर (ट्रांजिस्टरर्स,डायोड,आई सी, एवं अन्य प्रकार के अर्ध चालक पाटर्स) इंडक्टर्स(ट्रांसफार्मर और क्वायल) का प्रयोग किया जाता है,इन सभी प्रकार के पार्टस को अणु परिपथ में किस प्रकार से जोडा जाता है,इनका क्या कार्य है,इन्हें किस प्रकार से जांच किया जाता है । आदि विषय कि जानकारी हो जानें के बाद तो इलेक्ट्रानिक का क्षेत्र हमारे लिए काफी आसान हो जायेगा ।