SWITCH MODE POWER SUPPLY
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Switch Mode Power Supply diagram |
- विषय :-
Switch Mode Power Supply इलेक्ट्रॉनिक तकनिक के प्रयोग से बनाया गया किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए विधुत आपुर्ति के स्रोत के रूप में कार्य करता है, इस सर्किट के अंतर्गत एक स्विचिंग रेगुलेटर सर्किट का उपयोग किया जाता है जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलनें के अनुसार वाक्षीत वोल्टेज प्रदान करनें में सक्षम होता है।
Switch Mode Power Supply |
- कार्य प्रणाली :-
Switch Mode Power Supply के लिए इनपुट स्रोत के रूप मेन A/C अथवा D/C विधुत का उपयोग किया जाता है, जैसा की नाम से ही जाहीर है इसके कार्य प्रणाली एक स्विचंग प्रकृया के तहत होती है, एक साधारण स्विच की तरह SM ट्रांसर्फामर को विधुत देनें और काटनें का होता है यह प्रकृया काफी तेजी से होती है जिससे कि SM ट्रांसर्फामर के आउटपुट अथवा सेकेन्ड्री पर वोल्टेज प्राप्त हो पाता है इस ट्रांसर्फामर में उपयोग के अनुसार कई सारे सेकेन्ड्री बनाये गये होते हैं तथा अगले चरण में रेक्टिफायर अथवा डायोड के उपयोग से प्राप्त होनेंवाले A/C वोल्टेज को D/C में परिर्वतित किया जाता है तथा कैपेसिटर के द्रारा फिल्ट्रेशन कें बाद वांक्षीत कार्यो के लिए इसका उपयोग किया जाता है। पुरानें समय में किसी इलेक्ट्रॉनिक अथवा इलेक्ट्रिक इक्युपमेंट को चलानें के लिए एक साधारण ट्रांसर्फामर के साथ रेक्टिफायर और कैपेसिटर का उपयोग किया जाता था जो A/C स्रोत से आनेवाले विधुत धारा में होनेंवाले परिर्वतन से निबटनें में असमर्थ होते थे। ट्रांसर्फामर के उपयोग से बनाई जानें वाली पावर सप्लाई संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए पावर स्रोत के रूप् में उपयोग किया जाना वांक्षीत नहीं होता है अब के समय में इनका स्थान SMPS पावर सप्लाई नें ले लिया है। इस समय बहुत ज्यादा इस प्रकार के पॉवर सप्लाई के उपयोग किये जानें के कई सारे कारण है इस तरह के पावर सप्लाई में उर्जा का नुकसार नहीं के बराबर होता है, आकार और वजन के दृष्टिकोण से भी ये काफी हल्की और छोटी होती है। प्राईमरी स्रोत में होंनें वाले वोल्टेज के उतार चढ़ाव और फिक्वेंशी परिर्वतन जैसे फैक्टरों से निबटनें में ये सक्षम होते हैं। इन्ही सारे विशेषताओं के कारण आज के समय में इस प्रकार के पावर सप्लाई काफी ज्यादा प्रचलन में है, इसका उपयोग LED/LCD मॉनिटर मोबाईल चार्जर, लगभग सभी तरह के कम्प्यूटरों में लगनें वाले पावर सप्लाई के रूप में, प्रिंटर, प्रोजेक्टर, लैपटॉप एडिप्टर, और भी इसी तरह के बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक्स इक्यूप्मेंन्टों मे इनका व्यापक तौर पर प्रयोग किया जाता है, कहनें का तात्पर्य यह है की आधुनिक उपकरणों को चलानें हेतु पावर स्रोत के रूप में यह पावर सप्लाई काफी ज्यादा प्रचलन में है। इसके इनपुट में होनें वाले फ्लेक्चूऐशन होनें के बाद भी अर्थात अगर इसके इनपुट में 150 वोल्ट से बढ़ा कर अचानक 250 वोल्ट कर दिया जाये तो भी इसके आउटपुट पर मिलनें वाले वोज्टेज में कोई विशेष प्रभाव नहीं पडता है और एक स्मूथ और निश्चित करंट हमें प्राप्त होता रहता है।
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Switch Mode Power Supply |
Switch Mode Power Supply पावर सप्लाई को दिये जानें वाले इनपुट स्रोत के रूप में A/C अथवा D/C दोंनों में से किसी भी प्रकार का विधुत का उपयोग किया जाता है सर्व प्रथम मेन स्रोत से आनेंवाले करंट को रेक्टिफायर का उपयोग कर के उसे D/C में तब्दील किया जाता है इसके प्शचात् कैपेसीटर के उपायोग से उसे फिल्टर किया जाता है अर्थात् शुद्ध D/C तैयार की जाती है। आगे transistor अथवा mosfit जैसे सेमी कंडक्टर पार्टस का प्रयोग करते हुए इसके आउटपुट में करंट प्राप्त करनें हेतु इस सर्किट के स्विचंग प्रकृया को चलानें के लिए इनपुट पावर सिग्नल सर्किट के अंतर्गत उपयोग किये जानें वाले पार्टसों का समायोजन तथा इसमें इस्तेमाल किये गये पैटर्न मुख्य कारक के रूप में कार्यरत होते हैं। इस स्विचंग प्रकृया में S/M ट्रांसर्फामर के आउटपुट से लिया गया फिडबैक वोल्टेज का उपयोग किया जाता है। कुछ नये प्रकार के SMPS में PFC सर्किट का उपयोग किया जाता है जिससे कि इनपुट से आनेंवाले अवांक्षीत फैक्टरों को रोका जा सके, इनमें फ्रिक्वेंशी और वोल्टेज भी शामील होते हैं। पुरानें ट्रांसर्फामर युक्त पावर सप्लाई के अनुपात में इस सर्किट में एक छोटे से फैराईट कोर वाले ट्रांसर्फामर का उपयोग किया जाता है। पावर सप्लाई से निकलनें वाले हार्मोनिक के सिमा निर्धारण के लिए 2001 में यूरोपीये देंशों नें एक मानक स्थिापित किया है जो IEC / EN61000-3-2 कहलाता है इस मानक के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक उपकणों को चार श्रेणियों में विभक्त किया गया है। तत्कालिक समय में प्रयोग किये जानें वाले ज्यातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस प्रकार के पावर सप्लाई का प्रयोग आज के दौर में बहुलता से किया जात है।
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